पुलिस अधिकारी नहीं कर रहे परेड बिगड़ रहा अनुशासन

यूपी पुलिस के अधिकारी परेड नहीं कर रहे हैं। इससे उनका स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। साथ ही साथ इससे अनुशासनहीनता भी आ रही है। प्रदेश पुलिस के अधिकारी परेड में भाग नही लेते हैं, जिससे अनुशासन के साथ उनके स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। वहीं मुख्यालय द्वारा इस बाबत जारी दिशा-निर्देशों का पालन भी नहीं हो रहा है। शासन और डीजीपी मुख्यालय ने इसे लेकर नाराजगी जताई है और अनुशासनहीनता करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।डीजीपी प्रशांत कुमार ने इस बाबत मातहतों को परिपत्र जारी किया है, जिसमें बीती 29 अप्रैल को प्रमुख सचिव गृह की अध्यक्षता में प्रशासन शाखा से संबंधित कार्यों की समीक्षा में ये तथ्य सामने आने का उल्लेख है। डीजीपी ने कहा कि जिलों में एसपी, सेनानायकों आदि द्वारा अपने कार्य के प्रति जागरूकता व समर्पण बनाए रखा जाए। यह भी संज्ञान में आया है कि अधिकारियों और कर्मचारियों के मध्य समुचित समन्वय के कारण ही अनुशासनहीनता की घटनाएं हो रही हैं। लिहाजा वरिष्ठ अधिकारी अधीनस्थों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करें और उनके सुख-दुख में शामिल होकर संवेदनशीलता का परिचय दें। अपने कार्य व आचरण से ऐसे उदाहरण प्रस्तुत करें, जिससे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। जिला और शाखाओं में नियुक्त अधिकारी प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को होने वाली परेड में शामिल हों। उनकी बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराई जाए। अवकाश, भ्रमण, ड्यूटी व अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़कर अधिकारियों द्वारा शुक्रवार, जबकि अपर पुलिस अधीक्षक, उप सेनानायकों द्वारा मंगलवार की परेड में अनिवार्य रूप से हिस्सा लिया जाए। पुलिस लाइंस की परेड में सभी कर्मचारियों की उपस्थिति होनी चाहिए। इस दौरान पुलिस लाइन, वाहिनी प्रांगण में भ्रमण कर साफ-सफाई, परेड ग्राउंड, क्वार्टर गार्द, आर्मरी, बैरेक, स्टोर, मेस, कैन्टीन, अस्पताल, कल्याण केन्द्र, परिवहन शाखा, सड़क, बिजली, पानी, स्नान गृह, शौचालय, स्कूल, मनोरंजन गृह, अग्निशमन केंद्र, नियंत्रण कक्ष, आवासीय व्यवस्था आदि का निरीक्षण किया जाए।दागी कर्मियों की न हो तैनातीडीजीपी ने कहा कि अक्सर कारतूस चोरी होने, कानून-व्यवस्था ड्यूटियों में फायरिंग के दौरान फायर न होने, शस्त्र के सही प्रकार से कार्य न करने की घटनाएं भी सामने आती हैं, लिहाजा विशेष ध्यान देकर शस्त्रों की नियमित सफाई व मरम्मत कार्य कराया जाए। शस्त्र, कारतूसों आदि का नियमित रूप से भौतिक सत्यापन कराया जाए। हेड आर्मोरर, आर्मोरर के पूर्व इतिहास की जानकारी रखी जाए। किसी भी संदिग्ध आचरण वाले कर्मी की नियुक्ति न की जाए।

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