एक दिन पहले आकाश आनंद पर हमला करने वाले सांसद चन्द्रशेखर आजाद ने अमर उजाला से बातचीत में बसपा सुप्रीमो मायावती पर हमला किया। बसपा अध्यक्ष मायावती ने इशारों-इशारों में आजाद समाज पार्टी के सांसद चंद्रशेखर पर निशाना साधा। इस पर नगीना से सांसद चंद्रशेखर ने जमकर पलटवार किया है। अमर उजाला से खास बातचीत में चंद्रशेखर ने बसपा के हाशिए पर खिसकने से लेकर आकाश आनंद के पार्टी से बाहर-अंदर होने पर सीधी बात की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश…प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन से क्या हासिल हुआ?प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन पहले एक ही जाति के होते थे। हमने सभी जातियों का सम्मेलन कर प्रथा तोड़ी। सहारनपुर से शुरू हुए सम्मेलन के लखनऊ आते-आते विपक्षियों में बेचैनी बढ़ गई है। वहीं, हमारे कार्यकर्ताओं का जोश भी बढ़ा है।पंचायत चुनाव अकेले लड़ने का फैसला क्यों?लोकसभा चुनाव में हमने प्रदेश के दो छोर पर किस्मत आजमाई। एक पर हम जीते और एक पर अच्छे वोट मिले। हमारी तैयारियों की परख जमीनी चुनावों से ही होगी। लिहाजा, पंचायत चुनाव अकेले लड़ेंगे। ये चुनाव हमारे लिए 2027 का सेमीफाइनल है।आकाश की वापसी को आप मजबूरी बता रहे हैं?परिवार की बात बाहर लेकर कौन आया? बहनजी ने क्या ये नहीं कहा कि आकाश आनंद पत्नी और ससुर की बात मानते हैं। आकाश ने अपनी बात कही तो बहनजी ने उन्हें स्वार्थी, अवसरवादी और अपरिपक्व बता दिया। ऐसा लगा कि जबरदस्ती माफी मंगवाकर पद दिया। इसने आकाश का समाज में मजाक बना डाला है।मायावती आप पर निशाना क्यों साध रही हैं?मायावती जी मेरा नाम तो लेती नहीं हैं। मुझे नहीं पता कि उनके पोस्ट किसके बारे में हैं। जिन पार्टियों का वो नाम ले रही हैं, उनमें से एक सपा के साथ उन्होंने चुनाव लड़ा। भाजपा के साथ सरकार चलाई। कांग्रेस को केंद्र और राजस्थान में समर्थन दिया।क्या आप बसपा से लड़ रहे हैं?हम एक दशक से जाति, धर्म के आधार पर हुए अन्याय के खिलाफ लड़ रहे हैं। अफसर तक यूपी छोड़ना चाहते हैं। उन्हें भी समझ आ रहा है कि सरकार उनसे लोकतांत्रिक काम नहीं ले रही। हम अपने महापुरुषों के विचार के साथ हैं। लोगों को भी दिख रहा है कि उनकी लड़ाई कौन लड़ रहा है। इसीलिए समाज के लोग हमारी मदद करते हैं।वट वृक्ष बसपा पर अब पतझड़चंद्रशेखर ने कहा कि बहनजी समाज के लिए जो करना चाहती हैं, वो कर नहीं पाईं। बसपा बहुत बड़ा वृक्ष है, जो पतझड़ का शिकार हो गया है। पार्टी अब शून्य पर आ गई है। कांशीराम जी ने कहा था कि मुर्दा मिशन नहीं चलाते और जिंदा रुकने नहीं देते। अब मैं उनके बचे काम पूरा करना चाहता हूं।