एआईजी प्रतिदिन शादी के पंजीकरण कराने वाले उप रजिस्ट्रार के कामकाज की समीक्षा करेंगे और देखेंगे कि शादी के लिए तय की गई तमाम गाइडलाइंस का पालन किया जा रहा है या नहीं। इसकी मासिक रिपोर्ट भी तैयार होगी।
स्टांप एवं पंजीकरण विभाग के अपर महानिरीक्षक (एआईजी) को पंजीकृत होने वाली शादियों के मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी दी गई है। वह प्रतिदिन शादी के पंजीकरण कराने वाले उप रजिस्ट्रार के कामकाज की समीक्षा करेंगे। वे सुनिश्चित करेंगे कि शादी के लिए तय गाइडलाइंस का पालन किया जा रहा है या नहीं। इसकी मासिक रिपोर्ट भी तैयार होगी।
वहीं जब तक प्रदेश में शादी के पंजीकरण संबंधी नए नियमों को विधिवत रूप से तैयार नहीं कर लिया जाता, तब तक स्टाम्प एवं पंजीकरण विभाग के महानिरीक्षक को दिशा निर्देशों का पालन करवाने की जिम्मेदारी दी गई है। विवाह पंजीकरण के जिम्मेदार सभी डिप्टी रजिस्ट्रार निर्देशों का अक्षरशः पालन करेंगे।
विवाह पंजीकरण के समय पुरोहित या विवाह संपन्न कराने का दावा करने वाले व्यक्ति द्वारा शपथ पत्र देना अनिवार्य होगा। हलफनामे में पुरोहित की पहचान और विश्वसनीयता का भी प्रावधान किया गया है। इसके तहत पुरोहित का नाम, पिता का नाम, स्थायी पता, वर्तमान पता, आधार कार्ड की प्रति, मोबाइल नंबर, फोटो के साथ इस बात की घोषणा, जिसमें पुष्टि की गई हो कि उसने विवाह संपन्न कराया है। इसके साथ ही विवाह समारोह की वीडियो रिकॉर्डिंग भी होगी। विशेष रूप से भागे हुए जोड़ों के मामलों में ये व्यवस्था अनिवार्य होगी।
डिप्टी रजिस्ट्रार को बनाया जवाबदेह
डिप्टी रजिस्ट्रार विवाह प्रमाण-पत्र के पीछे साफ-साफ पर लिखेंगे कि हाईकोर्ट की अधिसूचना (14.10.2024) में निहित निर्देशों का अनुपालन किया गया है। पुरोहित या विवाह संपन्न कराने का दावा करने वाले व्यक्ति द्वारा दिए गए शपथ-पत्र का अध्ययन कर लिया गया है तथा वह संतुष्ट है और वह विवाह पंजीकरण के समय उपस्थित था। संबंधित सहायक महानिरीक्षक स्टांप एवं पंजीकरण अनुपालन की निगरानी के लिए जिम्मेदार होंगे। ये देखना उनकी जिम्मेदारी होगी कि डिप्टी रजिस्ट्रार निर्देशों के अनुसार अपना काम कर रहे हैं या नहीं। इस काम के लिए संबंधित कार्यालयों में रखे गए रजिस्टर में इस तरह के अनुपालन को प्रमाणित करने वाली मासिक प्रविष्टि भी दर्ज की जाएगी।