यूपी में एक करोड़ रुपये की दवाएं पकड़ी थी। औषधि विभाग की टीम ने इन दवाओं के बैच नंबर समेत अन्य जानकारी मांगी है। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश की कंपनी को नोटिस दिया गया है। आगरा के नगला मेवाती के अवैध गोदाम से पकड़ी गई नारकोटिक्स श्रेणी की दवाओं की जांच शुरू हो गई है। ये दवाएं हिमाचल प्रदेश में बनी हैं। इसके लिए कंपनी को नोटिस भेजकर रिकाॅर्ड तलब किए गए हैं। जांच के लिए औषधि विभाग की टीम हिमाचल प्रदेश भी जाएगी।सहायक आयुक्त औषधि अतुल उपाध्याय ने बताया कि ताजगंज के नगला मेवाती में 4 तरह की (एक करोड़ रुपये की) नारकोटिक्स श्रेणी की दवाएं बृहस्पतिवार को जब्त की थीं। ये दर्द निवारक और नींद की गोलियां हैं। दवाओं के पैकेट-रैपर की जांच में निर्माता कंपनी रेवांटिस हेल्थ केयर बद्दी, जिला सोलन, हिमाचल प्रदेश दर्ज है। वितरक के तौर पर पीबी लाइफ साइंसेज, बद्दी सोलन, हिमाचल प्रदेश लिखा है। इन दोनों को नोटिस भेजा है।इसमें चार तरह की दवाओं के नाम, बैच नंबर, कीमत, एक्सपायर्ड तिथि समेत अन्य जानकारी भेजी है। दवाओं के फोटो भी मेल किए हैं। कंपनी के अधिकारियों से ये पूछा गया है कि ये दवाएं आपके यहां तैयार हुई हैं कि नहीं। अगर हुई हैं तो ये किसको बिक्री की गई। इसके रिकाॅर्ड समेत अन्य जानकारी उपलब्ध कराई जाए। ये रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।मुख्य आरोपी के घर पर तालानगला मेवाती में अवैध गोदाम में नारकोटिक्स की दवाएं बरामद हुई थीं। ये गोदाम इदरीश का है। इसको पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में इसने ये दवाएं अपने साढ़ू पप्पू निवासी पक्की सराय बिलाल मस्जिद की बताईं। इनको बीती 3 मई को गोदाम में रखकर गया था। इसके बाद इनको लेने नीं आया। इस पर पुलिस इसके घर पर पहुंची तो यहां ताला लगा था। पड़ोसियों से पता चला कि एक दिन पहले ही ताला लगाकर कहीं चला गया है। पुलिस का कहना है इसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही हैं।नशे के लिए दवाओं की कालाबाजारीपुलिस की जांच में पता चला कि पप्पू बिना बिल के दवाओं को कम कीमत पर खरीद करता है। इनको नशे के आदी लोगों के लिए आसपास के राज्यों में कालाबाजारी करता है। पुलिस और औषधि विभाग की टीम को कंपनी के दवा प्रतिनिधियों से भी इनकी खरीद करने की आशंका है।