बुजुर्ग राजेंद्र शर्मा ने बुधवार को कलक्ट्रेट में डीएम अस्मिता लाल को अपना आधार कार्ड व फोटो दिखाए, तो सही उनकी शिकायत जायज निकली। डीएम ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं।डीएम साहिबा! मैं तो जिंदा हूं…, समाज कल्याण विभाग वाले बोल रहे हैं कि राजेंद्र शर्मा मर चुका है। मैं तो आपके सामने खड़ा हुआ, मुझे कागजों में किसने मार दिया। किशनपुर बराल गांव के 64 वर्षीय राजेंद्र शर्मा ने बुधवार को कलक्ट्रेट में पहुंचकर डीएम अस्मिता लाल को अपना आधार कार्ड व फोटो दिखाए। कागजों से मिलान कराया गया तो सही में राजेंद्र शर्मा जिंदा निकले। राजेंद्र शर्मा को मृत दर्शाने वालों पर कार्रवाई के आदेश दिए गए।किशनपुर निवासी राजेंद्र शर्मा ने बताया कि समाज कल्याण विभाग से उन्हें वृद्धावस्था पेंशन मिलती थी। मगर कुछ महीने से पेंशन की राशि बैंक खाते में नहीं आई। उन्होंने अक्तूबर 2024 में समाज कल्याण विभाग में जानकारी की तो वहां से जवाब मिला कि राजेंद्र सिंह तो मर चुका है, फिर पेंशन किस बात की? अगर आपको यकीन नहीं तो यह देखिए पंचायत सचिव की रिपोर्ट…। कागजों में खुद को मृत देख राजेंद्र शर्मा सोच में पड़ गए। लेकिन जैसे ही उन्होंने कहा कि मैं तो जिंदा हूं…, यह सुनकर समाज कल्याण विभाग के कर्मी भी चौंक गए। इसके बाद भी कार्रवाई कुछ नहीं की गई। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायत की। इस पर समाज कल्याण विभाग ने आख्या भेज दी कि पंचायत सचिव की रिपोर्ट पर राजेंद्र शर्मा की पेंशन रोक दी गई। डीएम से शिकायत करने पर पास में बैठे कलक्ट्रेट प्रभारी अमरचंद वर्मा ने उनकी समस्या सुनकर मामले में कार्रवाई के लिए लिखा। राजेंद्र शर्मा ने साफ कहा कि अब पेंशन बाद की बात है लेकिन पहले उस पंचायत सचिव को दंडित करो, जिसने मुझे कागजों में मार डाला। बीच में किरण सिंह कहां से आ गए…राजेंद्र शर्मा बताते हैं कि जब पोर्टल पर शिकायत की तो समाज कल्याण विभाग ने आख्या भेजी कि राजेंद्र शर्मा की पेंशन रोक दी गई है। उसमें यह भी लिख दिया कि इसलिए किरण सिंह निवासी बिजरौल की पेंशन बंद कर दी गई। गजब है कि प्रकरण से किरण सिंह का कोई लेना देना नहीं। उनकी समझ में नहीं आ रहा कि यह किरण सिंह कौन है। यानी आख्या देने में भी लापरवाही की गई।यह भी मरकर हुए जिंदाइस तरह राजेंद्र शर्मा को कागजों में मृत दिखाने का कोई पहला मामला नहीं है। ब्राह्मण पुट्ठी गांव निवासी महेंद्री पत्नी रामभजन ने भी 14 नवंबर 2022 को तत्कालीन डीएम राजकमल यादव के सामने पहुंचकर कहा था कि पंचायत सचिव ने मुझे कागजों में मारकर पेंशन बंद करा दी। लेकिन मैं आपके सामने जिंदा खड़ी हूं। इससे पहले बड़ौली गांव के दृष्टिहीन मामचंद को भी कागजों में मृत दर्शाकर पेंशन रोक दी गई थी। इन दोनों ने खुद को जिंदा होने के लिए न जाने कितने चक्कर सरकारी कार्यालयों में लगाए। ये बोले सीडीओराजेंद्र शर्मा को मृत दिखाने के मामले में बीडीओ को सत्यापन करने के लिए कहा गया था। इस मामले में प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि बीडीओ की रिपोर्ट मिल गई है और इनको पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी। – नीरज कुमार श्रीवास्तव, सीडीओ