अभ्यास के तहत अहम प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनकी पहचान छिपाने का बंदोबस्त किया जाए। ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि दुश्मन के विमान महत्वपूर्ण फैक्टरियों, प्रतिष्ठानों को दूर से ही निशाना न बना सकें।पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच युद्ध की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को बुधवार को नागरिकों की सुरक्षा के लिए मॉक ड्रिल करने का आदेश दिया है। इसी क्रम में कल उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में मॉक ड्रिल की जाएगी। प्रदेश सरकार ने इसको लेकर तैयारियां कर ली हैं। प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा, ‘7 मई को सिविल डिफेंस के मॉक ड्रिल के संबंध में भारत सरकार से निर्देश प्राप्त हुए हैं।मॉक ड्रिल में और क्या-क्या होगा?निर्देशों के मुताबिक, अभ्यास के तहत अहम प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनकी पहचान छिपाने का बंदोबस्त किया जाए। ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि दुश्मन के विमान महत्वपूर्ण फैक्टरियों, प्रतिष्ठानों को दूर से ही निशाना न बना सकें। किसी भी युद्ध में दुश्मन की सेना ऐसे प्रतिष्ठानों को ही सबसे पहले निशाना बनाती है, ताकि अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ी जा सके। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने हमले की स्थिति में आम लोगों की सुरक्षित निकासी की योजना बनाने और उनका बार-बार पूर्वाभ्यास करने के लिए कहा है।लोग क्या-क्या तैयारियां रखें?मॉक ड्रिल को लेकर गृह मंत्रालय में आज अहम बैठक हुई। इसमें देशभर में 244 नागरिक सुरक्षा प्रतिष्ठानों की स्थिति की समीक्षा की गई। समीक्षा इस बात पर केंद्रित है कि मौजूदा उपकरण काम कर रहे हैं या उनकी मरम्मत की आवश्यकता है। बैठक में यह भी देखा गया कि आपातकालीन हालात में नागरिकों को कैसे प्रशिक्षित किया जाए। इस दौरान हवाई हमले के सायरन के प्रति जनता की प्रतिक्रिया, ब्लैकआउट के दौरान की जाने वाली कार्रवाई और आवश्यक आपूर्ति की तैयारियों पर भी बात की गई। अधिकारियों ने संभावित इलेक्ट्रॉनिक विफलता के लिए तैयार रहने के लिए घरों में चिकित्सा किट, मशालें, मोमबत्तियां और नकदी रखने की जरूरत पर जोर दिया।मशालें, मोमबत्तियां, नकदी तैयार रखें’सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय में हुई बैठक में देश भर में नागरिक सुरक्षा प्रतिष्ठानों की स्थिति की समीक्षा की गई। समीक्षा इस बात पर केंद्रित है कि मौजूदा उपकरण काम कर रहे हैं या उनकी मरम्मत की आवश्यकता है। बैठक में यह भी देखा जा रहा है कि आपातकालीन हालात में नागरिकों को कैसे प्रशिक्षित किया जाए। हवाई हमले के सायरन के प्रति जनता की प्रतिक्रिया, ब्लैकआउट के दौरान की जाने वाली कार्रवाई और आवश्यक आपूर्ति की तैयारियों पर भी बात की गई। अधिकारियों ने संभावित इलेक्ट्रॉनिक विफलता के लिए तैयार रहने के लिए घरों में चिकित्सा किट, मशालें, मोमबत्तियां और नकदी रखने की जरूरत पर जोर दिया।