यूपी के तीन जिलों में शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई की गई है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था। इन शिक्षकों ने नियुक्ति के समय आवेदन करते समय आवश्यक शैक्षिक प्रमाण नहीं लगाया था।उच्च न्यायालय, प्रयागराज के आदेश के अनुपालन में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने चार शिक्षकों को सेवामुक्त कर दिया है। इनमें दो महिला व दो पुरुष शिक्षक शामिल है। इनमें आजमगढ़ और मऊ जिले के एक-एक और बलिया के दो सहायक अध्यापक शामिल है। जबकि एक शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई के लिए बीएसए, अमेठी को पत्र लिख कर सूचित किया है। पांचों शिक्षकों की नियुक्ति 69 हजार शिक्षक भर्ती के दौरान हुई थी। बीएसए ने बताया है कि शिक्षा क्षेत्र सोहांव के प्राथमिक विद्यालय, इस्लामिया में तैनात सहायक अध्यापक गुलाब चन्द पुत्र शोभनाथ राम, निवासी चक्रपानपुर, कनैला, थाना-जहानागंज, जनपद आजमगढ़, विकास खंड सीयर के कम्पोजिट विद्यालय, सोनाडीह में तैनात सहायक अध्यापक दिलीप कुमार यादव पुत्र हरेराम यादव, निवासी कमरौली, विलासपुर, थाना-नगरा, गड़वार ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय, त्रिकालपुर में सहायक अध्यापक कुमारी निवेदिता सिंह पुत्री ओंकारनाथ सिंह, निवासी ताड़ीबड़ागांव, थाना-नगरा, और रसड़ा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय, नसरथपुर में सहायक अध्यापक खुशबू पुत्री कमला प्रजापति, निवासी बरौली, थाना-घोसी, जिला मऊ की सेवायें हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में सहायक अध्यापक के पद से समाप्त कर दी गई है। जबकि अमेठी जिले में स्थानांतरित स्निग्धा श्रीवास्तव के खिलाफ कार्रवाई के लिए बीएसए, अमेठी को पत्र लिखा गया है।बता दें कि बीते 25 अप्रैल को बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने बीएसए को पत्र लिख कर 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित ऐसे अभ्यर्थी जो 22.12.2018 तक बीटीसी परीक्षा में अनुत्तीर्ण थे तथा 22.12.2018 के पश्चात बैंक पेपर से उत्तीर्ण हुए अभ्यार्थियों के खिलाफ हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। पत्र में उल्लेख था कि उप्र बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित विद्यालयों में 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया की वर्ष 2018 में पूरी हुई थी उच्च न्यायालय में दाखिल याचिका प्रीती जाटव व अन्य में हाईकोर्ट द्वारा 24 मार्च 2025 को पारित आदेश के तहत बेसिक शिक्षा बोर्ड द्वारा उन व्यक्तियों पर विचार न करें जो भर्ती आदि के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि पर अपात्र हैं।इनकी भी सुनेंउच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में जिले में पांच ऐसे शिक्षक मिले, जिन्होंने नियुक्ति के समय आवेदन करते समय आवश्यक शैक्षिक प्रमाण नहीं लगाया था। पांचों शिक्षक आवेदन की तिथि के दौरान बीटीसी परीक्षा में अनुत्तीर्ण थे तथा 22 दिसंबर 2018 के पश्चात बैंक पेपर से उत्तीर्ण हुए थे,और शैक्षिक प्रमाण पत्र लगाया था। इनमें चार को सेवा मुक्त कर दिया गया है। जबकि एक अन्य के खिलाफ कार्रवाई के लिए अमेठी के बीएसए को पत्र लिखा गया है। – मनीष कुमार सिंह, बीएसए, बलिया