उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। एक्सईएन ने आरोप लगाते हुए अधिकारियों को एक शिकायती पत्र भी भेजा है। वहीं, डीएम ने कहा कि एक बैठक में काम में लापरवाही मिलने पर मैंने उन्हें फटकार लगाई थी। उसके बाद कुछ नहीं हुआ।
सिंचाई विभाग के बाढ़ खंड के एक्सईएन अरुण सचदेव ने शनिवार को डीएम रविंद्र कुमार पर कैंप कार्यालय में बुलाकर अभद्रता और मारपीट करने का आरोप लगाया। उन्होंने बाढ़ खंड के मुख्य अभियंता और विभागाध्यक्ष को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराते हुए जनपद में कार्य करने में असमर्थता जताई है।
अधिशासी अभियंता अरुण सचदेव ने उच्चाधिकारियों को भेजे पत्र में लिखा है कि 13 जून को मुख्य सचिव की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कलक्ट्रेट में बैठक बुलाई गई थी। इसमें डीएम ने बीते 15 सालों में बाढ़ प्रभावित गांवों की संख्या और प्रभावित लोगों के विस्थापन के बारे में जानकारी मांगी थी। इस बैठक के बाद 13 जून को मुझे कैंप ऑफिस में बुलाया गया।
इसके बाद उनके द्वारा मेरे साथ अभद्र व्यवहार किया गया। अधिशासी अभियंता ने डीएम पर अपने साथ मारपीट का भी आरोप लगाया। इस संबंध में जानकारी के लिए जब अरुण सचदेव से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कहा कि मैं मीडिया से बात नहीं कर सकता, मुझे जो कहना था, उसे मैं उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर कह चुका हूं।
जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा कि 25 मई को एसएसपी के साथ मैंने बाढ़ क्षेत्र का निरीक्षण किया था। इस दौरान एक्सईएन बाढ़ खंड अरुण सचदेव अनुपस्थित थे। पता चला कि वे जनपद से बाहर गोरखपुर में हैं। बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के वे जनपद मुख्यालय से बाहर चले गए।
यह अनुशासनहीनता है। जिसके कारण उनके वेतन पर रोक लगाई गई थी। बाढ़ प्रभावित गांवों को पहले ही अलर्ट करने के लिए उनसे सूची मांगी गई थी, लेकिन महीने भर बाद भी नहीं उपलब्ध कराई। जब हमने उन्हें लापरवाही पर फटकार लगाई तो उनके द्वारा यह आरोप लगाए जा रहे हैं।