राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने प्रदेश के शिक्षक-कर्मचारियों की मांगों को लेकर जिला मुख्यालयों पर भूख हड़ताल करने का फैसला लिया है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने प्रदेश के शिक्षक-कर्मचारियों के लंबित मुद्दों पर ठोस कार्यवाही न होने पर नाराजगी जताई है। साथ ही अवगत कराया है कि नाराज शिक्षक-कर्मचारी 24 जून को जिला मुख्यालयों पर भूख हड़ताल करेंगे। इसे राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का भी समर्थन होगा।
परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव कार्मिक को पत्र भेजकर अवगत कराया है कि प्रदेश के कर्मचारियों की समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता के आधार पर कराए जाए का अनुरोध शासन से लगातार किया जा रहा है। किंतु कई साल बीतने के बाद भी अभी तक किसी स्तर पर परिषद के साथ एक भी औपचारिक बैठक व वार्ता नहीं हुई।
इससे प्रदेश के कर्मचारियों में काफी रोष तथा असंतोष व्याप्त है। तमात निर्देशों के बाद भी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, विभागाध्यक्षों के स्तर पर संगठनों के साथ कोई बैठक नहीं हो रही है। इससे विभागीय समस्याओं का समाधान भी नहीं हो रहा है। वहीं पूर्व में हुई बैठक में जिन मांगों पर सहमति बनी। उस पर भी अपेक्षित कार्यवाही आगे नहीं हो पाई।
अध्यक्ष सुरेश रावत ने कहा कि यही वजह है कि कर्मचारी-शिक्षक संयुक्त मोर्चा की बैठक में प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर 24 जून को सुबह 11 बजे से भूख हड़ताल व सत्याग्रह करने का निर्णय लिया गया है। इसके माध्यम से सरकार व शासन को लम्बित मांगों के समाधान के लिए ध्यानाकर्षण आंदोलन किए जाने का निर्णय लिया गया है। इसी दिन अगले निर्णायक आंदोलन की घोषणा किए जाने का निर्णय भी लिया गया है। परिषद भी इसका पूरा समर्थन करती है।
उन्होंने कहा कि हमारी मंशा कभी भी कोई विषम परिस्थिति पैदा करने की नहीं होती है। ताकि कर्मचारियों को सड़क पर उतरना न पड़े। किंतु सरकार की समस्याओं के प्रति संवेदनहीनता कर्मचारियों को इस प्रकार के आंदोलन करने पर विवश करती है। नेताओं ने मांग की कर्मचारियों-शिक्षकों की मांगों पर जल्द सकारात्मक कार्यवाही की जाए। ताकि टकराव को रोका जा सके।