14.60 लाख के घोटाले में उप प्रबंधक को निलंबित कर दिया गया है। आगे की जांच जारी है। कानूनी कार्रवाई के साथ बर्खास्तगी की तलवार लटकी है।स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की माल रोड स्थित पर्सनल बैंकिंग ब्रांच (पीबीबी) में निष्क्रीय खाते को सक्रिय बनाकर 14.60 लाख रुपये का घोटाला करने वाले आरोपी उप प्रबंधक सारांश श्रीवास्तव पर कार्रवाई हो गई है। उसे लखनऊ के एसबीआई मुख्यालय के निर्देश पर निलंबित कर दिया गया है। उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ ही बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है। उप प्रबंधक माल रोड स्थित क्षेत्रीय रीजन कार्यालय द्वितीय में कार्यरत था। उसके पास स्टेट बैंक आफ इंडिया ऑफीसर एसोसिएशन में चीफ रीजनल सेक्रेटरी कानपुर अंचल का प्रभार है।बैंक के मुख्य महाप्रबंधक के पास एक मई को फर्जीवाड़े की शिकायत आई थी। इसमें कहा गया था कि सिविल लाइंस कानपुर नगर कटरी बिठूर कला निवासी शिरोमणि यादव के खाते में 14,60,500 रुपये थे। लंबे समय से लेनदेन न होने के कारण इसे 2022 में निष्क्रिय कर दिया गया। बैंक में उप प्रबंधक स्तर के अधिकारी और एसबीआई ऑफिसर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी ने अन्य अफसरों और कर्मियों के साथ मिलकर फर्जी ई-केवाईसी करके इस निष्क्रिय खाते को 25 मार्च 2025 को सक्रिय करवाया। दो अप्रैल को खाते से पहली बार में पांच लाख का भुगतान नॉन होम शाखा विश्व बैंक बर्रा से हुआ। चार अप्रैल को पांच लाख का भुगतान पीबीबी कानपुर से कराया गया।नौ अप्रैल 2025 को फिर बर्रा विश्व बैंक शाखा से 4.60 लाख रुपये निकाले गए। बैंक के ऑनलाइन ऑटोमेटिक सिस्टम (ओटीएमएस) और एक कर्मचारी की ओर से संदिग्ध लेन-देन की जानकारी मिलने के बाद आरोपी ने 11 अप्रैल को विश्व बैंक बर्रा शाखा में पांच लाख रुपये और इसी दिन पांच लाख रुपये पीबीबी में जमा कराए। खाते से 25 मार्च से लेकर 9 अप्रैल तक चार बार में 14.60 लाख रुपये निकाले गए। फिर 11 अप्रैल को निकाली गई रकम जमा कर दी गई। 15 अप्रैल को खाते को फिर से निष्क्रीय कर दिया गया।बैंक को भी नहीं मिला खाताधारक का पताखाताधारक शिरोमणि यादव का वास्तविक पता बैंक के अफसरों को नहीं मिल सका है। ई-केवाईसी करके पता बदल दिया गया था। जो पता लगा है वह फर्जी है। इस तरह का पता शहर में नही है। उनके परिजन भी सामने नहीं आए हैं।सोशल मीडिया पर डाला निलंबन फिर पोस्ट की डिलीटसारांश श्रीवास्तव ने निलंबन से जुड़ी एक पोस्ट शुक्रवार रात को सोशल मीडिया पर डाली। इसमें कुछ वरिष्ठों और बैंक सहयोगियों की खामियों के कारण पूछताछ का सामना करना, अपनी छवि और कैरियर संबंधी बात लिखी थी। कुछ घंटे बाद इस पोस्ट को डिलीट कर दिया गया। हालांकि इसकी पुष्टि अमर उजाला नहीं करता है। अमर उजाला ने किया था पर्दाफाशसबसे पहले अमर उजाला ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के घोटाले का पर्दाफाश किया। सात मई को निष्क्रीय खाते को सक्रिय कर स्टेट बैंक की शाखा से 14.60 लाख रुपये का घोटाला की खबर प्रकाशित की। इसका संज्ञान लेकर बैंक के उच्च अफसरों ने जांच टीम गठित की।माल रोड स्थित क्षेत्रीय रीजन कार्यालय द्वितीय में उप प्रबंधक पद पर कार्यरत सारांश श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया है। आगे की जांच की जा रही है। बैंक प्रबंधन कानूनी कार्रवाई भी करेगा। अन्य कर्मियों ने मामले में विश्वास पर काम किया था। बैंकिंग नियमों की अनदेखी भी की गई है, इस दिशा में भी जांच की जा रही है। – राजीव रावत, डीजीएम एसबीआई