आज़मगढ़ में निषादराज की प्रतिमा न लगवाने के चलते प्रदेश सरकार के मत्स्य मंत्री डॉ0 संजय निषाद को भारी विरोध का सामना तब करना पड़ा जब वह एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उनको काला झंडा भी दिखाया गया। जिससे कार्यक्रम में अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान पुलिस ने 5 युवाओं को हिरासत में लिया है।नगर के नेहरु हाल सभागार में मत्स्य उत्पादकता बढ़ाने के लिए मण्डलीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया था। जिसमे कैबिनेट मंत्री मत्स्य विभाग डॉ० संजय निषाद मत्स्य पलकों को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान उनके ही सजातीय लोग कार्यक्रम में पहुचे और मंत्री डॉ0 संजय निषाद पर वादा खिलाफी का आरोप लगाकर नारेबाजी शुरू कर दिया । यही नहीं मंत्री को काला झंडा दिखाया गया। इस दौरान पुलिस ने किसी तरह से कार्यक्रम से युवाओं को बाहर निकाला और 5 युवाओं को हिरासत में लिया।सामाजिक कार्यकर्ता संजय निषाद का कहना था कि वे सभी लोग मंत्री डॉ0 संजय निषाद के साथ ही है। मंत्री जी कई वर्ष पहले वादा किए थे कि वे आज़मगढ़ में वर्षो से रखी गई निषादराज की प्रतिमा को चौराहे पर लगवाएंगे लेकिन आज तक प्रतिमा नहीं लग सकी। इसी वादे को याद दिलाने के लिए एक ज्ञापन देने के लिए हम लोग गए थे। उन्होंने ने कहा कि वहां मंत्री जी कोई काला झंडा नही दिखाया गया।वही मंत्री डॉ0 संजय निषाद ने आज़मगढ़ में प्रतिमा न लगाएं जाने के सवाल पर कहा कि सबसे बड़ा दोषी तो वह है जिसकी सरकार में प्रतिमा रखी गई। उन्होंने कहा कि उनसे बड़ा कोई निषादराज का भक्त नहीं होगा पूरी जिंदगी ही भक्ति में लगा दिया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2027 आते-आते निषादराज और भगवान राम की प्रतिमा हर चौराहे पर नहीं लगा दिया तो डॉ0 संजय नाम नहीं। हमने कागज लिया है और उसे मुख्यमंत्री के यहां पहुचकर प्रतिमा लगवाने की व्यवस्था करूंगा।